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राग : भुपालि (छोटा ख्याल)

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  राग : भुपालि शास्त्रीय परिचय जति :   षाड़ब ​- ओड़ब थाट ​: कल्याण ​ वादी : गन्धार ( गा ) सम्वादी : धैवत ( धा )   आरोह ​:         सा रे गा पा धा सां अवरोह :        सां सा धा पा गा रे सा धा़ सा पकड ​:          गा रे पा गा , गा रे सा धा़ सा   गायन समय : रात्री का प्रथम प्रहर विषेशत्व ​: इस राग में मध्यम ( मा ) तथा निषाद ( नि ) स्वर वर्जित , तथा अन्य स्वर शुद्ध प्रयोग होते हे ।   बन्दिश ताल : त्रीताल ( तीनताल ​)   स्थायी:  ( ९ मात्रा से आरम्भ ​) सखी री शुनो बाजत बाँशुरीया निरमल नीरे , यमुना तीरे, गावत सावरीया   अन्तरा : नयन विशाला , गले बनमाला , छननन नूपुरीया ब्रिन्दावन में , घन कुन्ञन में , नाचत नटवरीया (Subject to modifications and enhancements) सुरजीत ~o~

NOTATION - "Ruk Ja Raat Thahar Ja Re Chanda" and "Raag Asavari"

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गाना:  रुक जा रात ठहर जा रे चंदा चित्रपट:  दिल एक मंदिर ( १९६३) संगीतकार:   शंकर – जयकिशन गीतकार:      शैलेन्द्र गायक:         लता मंगेशकर Title:  Ruk Jaa Raat Thahar Jaa Re Chandaa Film: Dil Ek Mandir - 1963 Music Director: Shankar-Jaikishan Lyricist:  Shailendra Singer: Lata Mangeshkar मुखडा रुक जा रात - ठहर जा रे चंदा  ... बीते न मिलन की बेला आज चांदनी की नगरी में  ... अरमानों का मेला रुक जा रात - ठहर जा रे चंदा  ... बीते न मिलन की बेला आज चांदनी की नगरी में  ... अरमानों का मेला रुक जा रात - ठहर जा रे चंदा ... (१) पहले मिलन की - यादें लेकर … आई है ये रात सुहानी पहले मिलन की - यादें लेकर … आई है ये रात सुहानी दोहराते हैं फिर ये सितारे … मेरी तुम्हारी प्रेम कहानी                                   … मेरी तुम्हारी प्रेम कहानी रुक जा रात - ठहर जा रे चंदा  ... बीते न मिलन की बेला आज चांदनी की नगरी में ... अरमानों का मेला रुक जा रात - ठहर जा रे चंदा ... ( २ ) कल का डरना, काल की चिंता ... दो तन है मन ए